अब द.अफ्रीका के इन खिलाड़ियों ने बढ़ा दी कोहली की मुश्किलें, वो भी कुछ इस तरह

जिंबाब्वे के खिलाफ एकमात्र डे-नाइट टेस्ट नहीं खेलने वाले दक्षिण अफ्रीका के कप्तान फाफ डु प्लेसिस और तेज गेंदबाज डेल स्टेन को भारत के खिलाफ पांच जनवरी से होने वाले पहले टेस्ट के लिए चुनी टीम में शामिल किया गया है। करीब दो साल बाद टेस्ट मैच खेलने वाले एबी डिविलियर्स ने डु प्लेसिस की अनुपस्थिति में जिंबाब्वे के खिलाफ टीम की कप्तानी की थी।
ऑलराउंडर क्रिस मौरिस को भी 15 सदस्यीय टीम में जगह दी गई है। वह स्टेन, मोर्नी मोर्केल, कैगिसो रबादा, वर्नेन फिलेंडर और एंडिले फेलुकवायो के साथ तेज गेंदबाजी की कमान संभालेंगे। इंग्लैंड दौरे पर जुलाई में कमर की चोट लगने के बाद से मौरिस अभी तक दक्षिण अफ्रीका के लिए कोई मुकाबला नहीं खेले हैं। जिंबाब्वे के खिलाफ चुनी गई टीम में एकमात्र बदलाव मौरिस के रूप में ही हुआ है, जिन्हें डुएन ओलिवियर की जगह शामिल किया गया है।
दक्षिण अफ्रीकी तेज गेंदबाजी आक्रमण में अंतिम 11 में जगह बनाने के लिए अच्छा मुकाबला देखने को मिलेगा। रबादा और फिंलेडर का चुना जाना लगभग तय माना जा रहा है। कंधे की चोट के कारण काफी समय बाद वापसी कर रहे स्टेन का भी अंतिम 11 में चुना जाना माना जा रहा है। वहीं, मोर्केल ने जिंबाब्वे के खिलाफ पांच विकेट लेकर चयनकर्ताओं के सिर का दर्द बढ़ा दिया है। जिंबाब्वे के खिलाफ मांसपेशियों में खिंचाव से परेशान रहने वाले क्विंटन डि कॉक को भी टीम में शामिल किया गया है। अगर वह भारत के खिलाफ पहले टेस्ट में नहीं खेलते हैं तो उनकी जगह डिविलियर्स विकेट के पीछे कमान संभालेंगे। टीम में एकमात्र बायें हाथ के स्पिनर केशव महाराज को जगह दी गई है, जिन्होंने जिंबाब्वे के खिलाफ दूसरी पारी में पांच विकेट चटकाए थे।
जिंबाब्वे के खिलाफ रिजर्व बल्लेबाज के तौर पर जगह बनाने वाले थियुनिस डि ब्रायन को भी सलामी बल्लेबाज के तौर पर टीम में जगह मिली है। डिविलियर्स ने भी टेस्ट प्रारूप में जिंबाब्वे के खिलाफ 65 गेंद में 53 रन बनाकर दो साल बाद शानदार वापसी की। वह भी भारत के खिलाफ टेस्ट टीम में चुने गए हैं। भारतीय टीम ने कभी भी दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट सीरीज नहीं जीती है। गुरुवार रात को मुंबई से लंबी उड़ान भरने के बाद टीम इंडिया दक्षिण अफ्रीका पहुंच चुकी है। सीरीज का पहला टेस्ट पांच जनवरी से केप टाउन में खेला जाएगा।