US Elections Presidential Debate: अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों का आगाज,6 मुद्दों पर हुई बात, बार-बार नियम तोड़कर बोलते रहे ट्रंप
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों का आगाज हो चुका है और मंगलवार देर शाम राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडेन पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट में काफी आक्रामक नज़र आए. पहली डिबेट दोनों कैंडिडेट्स के रिकॉर्ड, सुप्रीम कोर्ट, कोरोनावायरस, इकोनॉमी, नस्लवाद-हिंसा और इलेक्शन इंटेग्रिटी यानी चुनावी अखंडता पर बहस हुई. सुप्रीम कोर्ट में की गयीं नियुक्तियां और उनकी टाइमिंग पहला मुद्दा रही. बाइडेन ने पूछा- चुनाव बिल्कुल सामने हैं. लिहाजा, ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन को परंपराओं का ध्यान रखते हुए नए जज को तौर पर एमी कोने बैरेट का नाम नहीं चुनना चाहिए. अमेरिकी लोगों को इस प्रस्ताव और नियुक्ति पर सवाल पूछने का हक है. चुनाव प्रक्रिया के बीच में इस तरह की नियुक्ति ठीक नहीं है. हमे चुनाव नतीजों का इंतजार करना चाहिए.
एक तरफ ट्रंप ने जहां बाइडेन को जोकर और बेफकूफ बता दिया वहीं बाइडेन ने भी कोरोना, रेसिस्ज्म और और अर्थव्यवस्था के मुद्दों पर काफी आक्रामक नज़र आए.
इस सवाल के जवाब में ट्रंप ने कहा कि राष्ट्रपति के तौर पर मेरे पास यह अधिकार है कि मैं सुप्रीम कोर्ट में जज की नियुक्ति कर सकूं. चुनाव से इसका कोई लेना-देना नहीं हैं. बाइडेन यह क्यों भूल जाते हैं कि नियुक्ति को आखिरकार सीनेट से मंजूरी लेने की प्रक्रिया है. हम भी इसका पालन करेंगे. हमारे पास बहुमत भी है. चार साल पहले सीनेट के मेजॉरिटी लीडर मिच मैक्डोनेल ने मेरिक गारलैंड की सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति रोक दी थी. तब तो आपकी पार्टी के बराक ओबामा ही राष्ट्रपति थे.
बता दें कि दोनों के बीच डिबेट कई मौकों पर गर्मागर्म बहस में तब्दील हो गयी. इसी दौरान बाइडेन ने उन्हें शटअप मैन तक कह दिया. दरअसल ट्रंप अपनी बारी पर बोल लेने के बावजूद भी लगातार बाइडेन के मौके पर भी दखल दे रहे थे. इस डिबेट के मॉडरेटर फॉक्स न्यूज के एंकर क्रिस वॉलेस भी कई मौकों पर ट्रंप से नाराज़ नज़र आए.
कोरोना के मुद्दे पर बाइडेन ने कहा कि ये शर्म की बात है कि अमेरिका जैसे विकसित देश में 2 लाख लोग महामारी की वजह से जान गंवा चुके हैं. सच्चाई तो ये है कि राष्ट्रपति ट्रंप और उनकी एडमिनिस्ट्रेशन के पास इससे निपटने का कोई प्लान नहीं है. फरवरी तो तक तो उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि ये कितना गंभीर मामला है. वे जनता से इसे छिपाना चाहते थे. मैं राष्ट्रपति होता तो हेल्थ केयर वर्कर्स और जनता दोनों को बचाता.
कोरोना पर ट्रंप ने कहा कि अगर मैं ये कहता हूं कि कोरोना चीन की वजह से फैला तो इसमें क्या गलत है? देश के ज्यादातर गवर्नर मेरा समर्थन करते हैं. यह मत भूलिए कि सिर्फ चंद हफ्तों में हमारे पास वैक्सीन होगी. अब बहुत कम लोगों की मौत हो रही है, मैं चैलेंज करता हूं कि अगर आप राष्ट्रपति होते तो जो मैंने कर दिखाया वो आप कभी नहीं कर पाते. आप राष्ट्रपति होते तो 20 करोड़ लोग मारे जाते. हालांकि बाइडेन ने कहा कि वैक्सीन कब आएगी इसके बारे में फिलहाल कोई कुछ नहीं जानता.
ट्रंप और बाइडेन ने इनकम टैक्स के मुद्दे पर भी बहस की. बता दें कि बीते दिनों न्यूयॉर्क टाइम्स ने दावा किया था कि ट्रंप ने 10 साल तक टैक्स ही नहीं भरा था. उधर डिबेट के दौरान ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने लाखों डॉलर इनकम टैक्स भरा और इसके सबूत उनके पास मौजूद हैं. ट्रंप ने कहा कि मैंने लाखों डॉलर टैक्स जमा किया है. इसका ऑडिट चल रहा है. जैसे ही ये खत्म होगा सच्चाई दुनिया के सामने आ जाएगी. बाइडेन ने आरोप लगाया कि ट्रंप ने अपने कार्यकाल में अर्थव्यवस्था को ठीक से नहीं संभाला. बाइडेन ने कहा- आप, अमेरिकी इतिहास के सबसे बदतर राष्ट्रपति साबित हुए हैं.
बाइडेन ने आरोप लगाया कि महामारी के दौरान ट्रम्प जैसे अरबपतियों ने खूब फायदा उठाया. लोगों को यह देखना चाहिए कि हमारे राष्ट्रपति ने अरबपति होने का कैसे फायदा उठाया. उन्होंने टैक्स के तौर पर सिर्फ 750 डॉलर दिए. देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो रही है और आपको याद रखना होगा कि जब तक कोविड-19 से नहीं निपटेंगे.
ट्रंप ने अर्थव्यवस्था पर कहा कि मैंने कभी नहीं कहा कि बाजार बंद रखो, देश को बंद कर दो. अगर आप होते तो तो पूरा देश बंद कर देते. हमने महामारी के दौर में भी इकोनॉमी को बेहतरीन तरीके से संभाला. हमें ऐसा व्यक्ति बिल्कुल मंजूर नहीं जो कहे कि महामारी है तो देश में हर चीज बंद कर दो. हम महामारी से भी निपट रहे हैं और अर्थव्यवस्था भी ठीक कर रहे हैं.
ट्रंप ने बाइडेन पर कहा कि वे जितना बड़ा मास्क लगाते हैं, उतना बड़ा मास्क लगाए मैंने कभी किसी को नहीं देखा. इस पर मॉडरेटर वॉलेस ने पूछा- प्रेसिडेंट आप मास्क क्यों नहीं लगाते. जबकि आपके हेल्थ अफसर भी यही सलाह देते हैं. इस पर ट्रंप ने कहा- ऐसा नहीं है कि मैं मास्क नहीं लगाता. जब जरूरत होती है तो जरूर लगाता हूं.
नस्लीय हिंसा के मुद्दे पर ट्रंप और बाइडेन में तीखी बहस हुई. बाइडेन ने आरोप लगाया कि ट्रंप के दौर में नस्लीय हिंसा बढ़ी है. वे नफरत की सियासत कर रहे हैं. उन्होंने देश को नस्ल के आधार पर बांटने की साजिश रची है. यह मत भूलिए कि उन्होंने 2017 में श्वेतों को बेहतर बताने के लिए रैली की थी. उनकी तरह कोई बांटने वाले भाषण नहीं देता. जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद व्हाइट हाउस के बाहर विरोध प्रदर्शन और हिंसा हुई. राष्ट्रपति उस वक्त चर्च के सामने फोटो खिंचाने पहुंच गए थे. उन्होंने अश्वेत अमेरिकियों के लिए कुछ नहीं किया.